mera desh
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वतन से प्यार करते हैं,
वतन पर जान छिड़कते हैं,
वतन के वास्ते जीते,
वतन के नाम मरते हैं.
अमन से इश्क है हमको,
न समझो तुमसे डरते हैं.
हथेली पर सदा अपने,
लिए हम जान चलते हैं.
ख़ामोशी को हमारी लोग,
कमजोरी समझते हैं.
उन्हें मालूम क्या दिल में,
कई तूफाँ मचलते हैं.
उन्हें है फ़िक्र गर अपनी,
तो क्यों हमसे उलझते हैं.
वतन के वास्ते हम तो,
सदा हद से गुज़रते हैं.
हमें मालूम है यारों,
किसे आज़ादी कहते हैं.
लिए हम हाथ में झंडा,
हवा के साथ उड़ते हैं.
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