mera desh
- 55 Posts
- 161 Comments
मौसम कोई हो लेकिन‚
फूल खिले ही रहते हैं‚
पेड़ तुम्हारी यादों के‚
हरे–भरे ही रहते हैं।
तुमसे बिछड़ कर जीते हैं,
कैसे बताएं कैसे हम,
दिल के टुकड़े हाथों से,
हरदम चुनते रहते हैं।
बाहर बारिश होती है‚
दिल भी चुपचुप रोता है‚
आंखे भी नम होती हैं‚
हम भी गुमसुम रहते हैं।
अक्सर नगमे यादों के‚
लिखता और सुनाता हूं‚
लफ्जों से यादों के जाले‚
दिन भर बुनते रहते हैं।
जब भी तन्हा होते हैं‚
तन्हा नहीं हम होते हैं‚
तुम होते हो साथ हमारे‚
तुमसे बातें करते हैं।
Read Comments