mera desh
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साथ हों अपने तो समझो ईद है,
सच हों गर सपने तो समझो ईद है।
जुस्तजू में चांद के गर आसमां को,
सब लगें तकने तो समझो ईद है।
चल के दुकानों से सिंवई दोस्तों,
लग गई पकने तो समझो ईद है।
कोई छोटा हो या फिर कोई बड़ा,
सब लगें सजने तो समझो ईद है।
चेहरा मुरझाया सा रोजेदार का,
जब लगे खिलने तो समझो ईद है।
हो मुबारक ईद ,मुबारक ईद हो,
सब लगें कहने तो समझो ईद है।
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